हरियाणा के शहर बनेंगे सर्वोत्तम, ऐसे बदलेगी सूरत, सीसीटीवी समेत आधुनिक सुविधाओं से होंगे लैस

 


हरियाणा के शहर बनेंगे सर्वोत्तम, ऐसे बदलेगी सूरत, सीसीटीवी समेत आधुनिक सुविधाओं से होंगे लैस



सार



  • प्रदेश में इस नई योजना के तहत कई शहर चिह्नित किए जाएंगे।

  • इन शहरों में 18 घंटे पेयजल, आवारा पशु मुक्त, पार्कों का आधुनिकीकरण, सीसीटीवी लैस सुविधा इत्यादि ढेरों सुविधाएं होंगी।

  • मेयर की तर्ज पर अब नगर परिषद, नगर पालिका के प्रधान भी सीधे प्रत्यक्ष चुनाव से चुने जाएंगे।



 

विस्तार


हरियाणा के कई शहर अब सर्वोत्तम शहर बनेंगे। इन शहरों में 24 घंटे बिजली के साथ-साथ 18 घंटे पेयजल सुविधा रहेगी। जबकि ये शहर पूरी तरह आवारा पशु मुक्त बनेंगे, यहां पार्कों का आधुनिकीकरण और सीवीटीवी जैसी सुविधाओं से लैस होंगे। सरकार इसके लिए जल्द ही ‘मेरा शहर सर्वोत्तम शहर’ योजना शुरू करने जा रही है।
 

इस योजना के पीछे सरकार की मंशा प्रदेश के छोटे-छोटे शहरों को भी स्मार्ट बनाना है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 22 जिले में 80 शहर मौजूद हैं, जिनमें से पहले चरण में इस योजना के तहत कुछ शहरों का चयन किया जाएगा।

ये इरादा वित्तमंत्री मनोहर लाल ने बजट के दौरान पेश किया। इसी के चलते सरकार ने शहरी स्थानीय निकाय विभागों के सशक्तीकरण के साथ ही उन्हें स्वाययता देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए इस वर्ष 4916.51 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।

मनोहर लाल ने सदन में यह भी बताया कि  नगर निगमों के मेयर पद के साथ-साथ अब नगर परिषदों व नगरपालिकाओं में प्रधान के पद पर प्रत्यक्ष चुनाव का प्रावधान बनाया गया है। यानी प्रधान भी अब सीधे जनता चुनेगी। अभी तक नप व नपा प्रधानों का चयन नगर पालिका और परिषद में चुने गए पार्षदों की वोटिंग से होता था।


 



इसी के तहत वर्ष 2020-21 से सभी शहर के सभी मार्गों पर समुचित प्रकाश के लिये एक नई योजना ‘जगमग शहर योजना’ का प्रस्तावित है, जिसके अंतर्गत सभी शहरी क्षेत्रों के लगभग 5 लाख लाइट प्वाइंटों को एलईडी लाइट से बदला जाएगा। कुछ चुने हुये शहरों के सर्वांगीण विकास के लिये भी ‘मेरा शहर सर्वोत्तम शहर’ नामक एक नई योजना बनाई गई है। 

इस योजना के तहत चयनित किये गये शहरों में आधुनिक जन सुविधाओं जैसे न्यूनतम 18 घंटे पेयजल वितरण, आवारा पशु मुक्त बनाना, पार्कों का आधुनिकीकरण, प्रमुख चौराहों एवं सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था, सार्वजनिक स्थलों पर शौचालयों की व्यवस्था, एक मुख्य सड़क पर बिजली के तारों को भूमिगत करना इत्यादि का प्रबंध किया जाएगा। 




 



चयनित शहरों को उनकी वित्तीय स्थिति के अनुसार सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा एवं इसके लिये बजट में उपयुक्त धनराशि का प्रावधान है। मनोहर लाल के अनुसार यद्यपि सरकार का लक्ष्य सभी स्थानीय निकायों को पूर्ण रूप से स्वायत्त बनाना है, इस कार्य में कुछ समय लगने की संभावना है। ऐसे सभी वित्तीय रूप से कमजोर निकायों में आधारभूत सुविधाएं देने के लिये ‘मंगल शहर योजना’ में 200 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है।

शहरी क्षेत्रों में डेयरी मालिकों द्वारा गोबर डालने के कारण सीवर जाम हो जाता है, इस समस्या के समाधान के लिये शहरी निकायों द्वारा ‘डेयरी टू डेयरी’ गोबर एकत्रित किया जायेगा और इस सेवा के लिये डेयरियों पर उचित शुल्क भी लगाया जाएगा। सभी अनाज मंडियों में फायर ब्रिगेड की समुचित व्यवस्था की जाएगी और गुरुग्राम, सोनीपत, पंचकूला, फरीदाबाद जैसे बड़े महानगरों में बहुमंजिला इमारतों की अग्नि सुरक्षा के लिये हाईड्रोलिक प्लेटफार्म उपलब्ध करवाये जाएंगे।

शहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण एक प्रमुख समस्या है। इसके समाधान के लिये ‘ई-मोबिलीटी’ अभियान चलाया जाएगा, जिसके अंतर्गत पुराने डीजल ऑटो को ई-ऑटो, ई-रिक्शा, सीएनजी ऑटो से बदलना, शहरी क्षेत्रों में बिजली चलित बसों का संचालन, घर-घर से कूड़ा इकट्ठा करने के लिये ई-रिक्शा आदि की व्यवस्था की जायेगी। शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी एवं फड़ी लगाने वाले विक्रेताओं के पुनर्स्थापन के लिये ‘सायंकालीन हाट’ स्थापित किये जाएंगे।