अब कहां जाएं हम...संस्कृत के 1200 पात्र अध्यापकों में से सैकड़ों हो गए ओवर एज

 


अब कहां जाएं हम...संस्कृत के 1200 पात्र अध्यापकों में से सैकड़ों हो गए ओवर एज



सार



  • प्रदेश में खाली पड़े पद, आरटीआई में आया सामने शिक्षा विभाग नहीं भेज रहा रिक्तियों के लिए डिमांड।

  • टीजीटी संस्कृत के लिए पात्रता परीक्षा पास 1200 के करीब अभ्यर्थियों में से 200 के करीब या तो हुए ओवर एज या पात्रता ही हो चुकी खत्म।



 

विस्तार


हरियाणा सरकार संस्कृत भाषा के पढ़ने और पढ़ाने वालों के साथ बहुत लंबे समय से अन्याय कर रही है। संस्कृत टीजीटी पदों पर 12 साल से भर्ती नहीं हुई है न ही पिछले 13 साल से संस्कृत पीजीटी की पदोन्नति की गई है। जबकि करीब पीजीटी में 850 के लगभग पद खाली पड़े हैं। उधर, हरियाणा में 1200 के करीब अध्यापक ऐसे हैं जिन्होंने संस्कृत टीजीटी में हरियाणा शिक्षक पात्रता टेस्ट पास कर रखा है, जिनमें से 200 के करीब की तो उम्र भी जा चुकी है। 
 

वहीं दर्जनों नौकरी के इंतजार में हैं और उन्हें डर है कि ऐसे ही कहीं उनकी उम्र न निकल जाए। हरियाणा संस्कृत टीजीटी पात्र अध्यापक संघ प्रधान अजय कोशिश ने बताया कि हरियाणा में पिछले 12 वर्षों से संस्कृत टीजीटी अध्यापक पदों की भर्ती नहीं हुई है, पिछली सरकार के कार्यकाल में दिसंबर 2016 में 2250 पद खाली होने के बावजूद सरकार व शिक्षा विभाग में 664 के लगभग पदों पर विज्ञापन निकाला गया था। 

उन्होंने फार्म भी भरवा लिए, परंतु दो वर्ष इंतजार के बाद 11 मई 2018 भर्ती में साक्षात्कार खत्म होने के कारण उनकी इस भर्ती विज्ञापन को रद्द कर दिया गया था। सरकार ने जनवरी 2019 में कुछ पदों में वृद्धि करते हुए विज्ञापन निकाला, फॉर्म भरवाए गए, परंतु फिर बिना किसी कारण से विज्ञापन को रद्द कर दिया।

प्रमोशन को लेकर मुख्यमंत्री के आदेश पर जारी हुए पत्र पर भी नहीं कोई एक्शन
संघ प्रधान ने कहा कि मांगों को पूरा करने के लिए 19 अप्रैल 2018 को मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार के आदेश पर उनके विशेष कार्याधिकारी भूपेश्वर दयाल की तरफ से एक पत्र जारी हुआ था। जिस पर आज तक शिक्षा विभाग की तरफ से कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।


31 मार्च तक समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी 



हरियाणा राजकीय संस्कृत अध्यापक संघ के राज्य प्रधान राम प्रसाद कौशिक ने बताया कि हमारी पुरजोर मांगें हैं कि दसवीं कक्षा तक संस्कृत विषय को अनिवार्य किया जाए। संस्कृत अध्यापकों की मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी 16 जनवरी 2019 की वरिष्ठता सूची से पीजीटी संस्कृत पदोन्नति अति शीघ्र जारी की जाए। 

संस्कृत टीजीटी की सीधी भर्ती अतिशीघ्र की जाए। संस्कृत अध्यापकों का पदनाम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता के आधार पर टीजीटी संस्कृत किया जाए, क्योंकि मास्टर और संस्कृत अध्यापक योग्यता, ग्रेड और अध्यापन कक्षाओं में एक समानता रखते हैं। समस्याओं का 31 मार्च तक निपटारा नहीं हुआ तो संघ के सभी सदस्य आंदोलन करेंगे, जिसके लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी।

भर्तियों को लेकर एचएसएससी मांग चुका लिस्ट, शिक्षा सदन की तरफ से नहीं आ रहा जवाब
प्रधान अजय कोशिश ने बताया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से व्यक्तिगत व आरटीआई द्वारा पता किया गया तो जवाब मिला कि एचएसएससी द्वारा अनेक बार शिक्षा सदन पंचकूला को रद्द हुई भर्ती को फिर से विज्ञापित करवाने के लिए अवगत करवाने के लिए पत्र लिख चुके हैं। शिक्षा विभाग ने ही संस्कृत विषय की भर्ती के रिक्त पदों का विवरण नहीं भेजा है। इस विषय पर मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार से मिलकर संघ के सदस्यों ने शिक्षा सदन के लिए पत्र रिमार्क भी करवाया था लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते शिक्षा सदन में कोई सुनवाई नहीं हुई है।



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